गुरुवार, 14 जुलाई 2011

मां

2 टिप्‍पणियां:

  1. नमस्ते अमरेश,
    आपकी यह कविता बहुत सुंदर है|
    इसे मैं अपनी कक्षामें पढ़ाना चाहती हूँ|
    आपकी अनुमति आवश्यक है |
    कुमुदिनी

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    1. जी जरूर पढ़ाएं। अपनी व्यस्तता के कारण मैं जबाव नहीं दे पाया, इसका मुझे बहुत खेद है।

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