माज़ी की आती आवाज़ों से
ऐ दोस्त पशेमां मत होना
मेरे दुःख दर्द ख़्यालों से
ऐ दोस्त परेशां मत होना
हम जोगी थे हम जोगी हैं
इक दर पे कहाँ टिक पायेंगे
दो दिन की मेहमां नवाजी से
हमे वक़्त जियादा मत देना
दो दिन पहलू में रह तेरे
सीखे हैं कितने गीत नये
इन गीतों को इक शक़्ल तू देना
राग भुला तुम मत देना
वो रिश्ते थे या थे वो छलावा
समझने की कोशिश ना कभी की
जीना सीखला दिया,किसी को-
मगर छलावा मत देना
रिश्तों को मैं समझ ना पाया
शायद गहरे उतर गया था
पर जल पृष्ठों के ये रिश्ते
ना टिकते, टिकने मत देना
माज़ी की आती आवाज़ों से
ऐ दोस्त पशेमां मत होना
मेरे दुःख दर्द ख़्यालों से
ऐ दोस्त परेशां मत होना
ऐ दोस्त पशेमां मत होना
मेरे दुःख दर्द ख़्यालों से
ऐ दोस्त परेशां मत होना
हम जोगी थे हम जोगी हैं
इक दर पे कहाँ टिक पायेंगे
दो दिन की मेहमां नवाजी से
हमे वक़्त जियादा मत देना
दो दिन पहलू में रह तेरे
सीखे हैं कितने गीत नये
इन गीतों को इक शक़्ल तू देना
राग भुला तुम मत देना
वो रिश्ते थे या थे वो छलावा
समझने की कोशिश ना कभी की
जीना सीखला दिया,किसी को-
मगर छलावा मत देना
रिश्तों को मैं समझ ना पाया
शायद गहरे उतर गया था
पर जल पृष्ठों के ये रिश्ते
ना टिकते, टिकने मत देना
माज़ी की आती आवाज़ों से
ऐ दोस्त पशेमां मत होना
मेरे दुःख दर्द ख़्यालों से
ऐ दोस्त परेशां मत होना